Gitarth Sangrahah Of Yamunacharya गीतार्थसङ्ग्रहः यामुनाचार्य विरचितः

"GitarthaSangrahah Of Yamunacharya"
with Hindi 
translated by Govindacharya 
गीतार्थसङ्ग्रहः यामुनाचार्य विरचितः 
हिन्दी व्याख्याकार गोविन्दाचार्या 

Gitartha Sangraha of Yamunacharya

Book,s Name :        Gitartha Sangraha
Publisher        : Yatiraj Prakashan of dehli 
File Size         : 6.66MB       
      By          : Govindacharya 
File Source    :        Archive.com
Pages             :        23.p
Language       :        Hindi/Sanskrit


संस्कृत भाषा में धर्म शास्त्र कई हैं, जैसे कि मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति, वैष्णव धर्मशास्त्र, शिव धर्मशास्त्र, बौद्ध धर्मशास्त्र आदि। संस्कृत साहित्य में व्याकरण भी एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है। पाणिनि का अष्टाध्यायी संस्कृत व्याकरण का मूल ग्रंथ है। संस्कृत न्याय शास्त्र भी महत्वपूर्ण है, जो कि तर्कशास्त्र के रूप में जाना जाता है। न्याय सूत्रों, न्यायवैशेषिक और मीमांसा शास्त्र भी संस्कृत साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इसके अतिरिक्त, आधुनिक संस्कृत साहित्य में अनेक उपन्यास, कहानियां, कविताएं, नाटक, विज्ञान, इतिहास, धर्म, समाज और संस्कृति से संबंधित अन्य विषयों पर भी लेखन उपलब्ध है। अधिकतम शब्द सीमा के लिए, यह बताया जा सकता है कि संस्कृत साहित्य में अनेक विषयों पर लगभग २०,००० से भी अधिक पुस्तकें उपलब्ध होती हैं।

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